गर्मी के साथ बढ़ी बर्फ की खपत

शनिवार, 25 फ़रवरी 2012 (01:19 IST)
गर्मी की शुरुआत के साथ ही इससे राहत पाने के जतन भी शुरू हो चुके हैं। गर्मी की सबसे बड़ी राहत बर्फ की खपत भी बढ़ने लगी है। बर्फ व्यवसायियों के लिए नया सीजन शुरू हो चुका है। वर्तमान में शहर सहित आसपास के क्षेत्रों में बर्फ की खपत लगभग एक टन हो रही है। भीषण गर्मी के समय यह खपत बढ़कर प्रतिदिन 50 टन होने की उम्मीद है। गत वर्ष भी भीषण गर्मी के दिनों में बर्फ की खपत का आँकड़ा 40 टन प्रतिदिन तक पहुँचा था। इधर गरीबों का फ्रिज कहलाने वाले मटकों की दुकानें भी सज चुकी हैं।


बर्फ डिपो संचालक अखलाक एहमद ने बताया कि गर्मी के दिनों में बिजली कटौती होने से बर्फ का उत्पादन प्रभावित होता है। कई बार तो बिजली कटौती के कारण उपभोक्ताओं को सही मात्रा में बर्फ नहीं मिल पाती है। इसी प्रकार प्रतिदिन बर्फ गोले वाले व अन्य ठंडाई वाले दुकानदारों को भी पूर्ति नहीं हो पाती है। गर्मी में कई लोगों के लिए यह मुख्य रोजगार बन जाता है। एक अन्य बर्फ डिपो संचालक साबिर भाई ने बताया कि अधिकांश बर्फ तो प्रतिदिन ठेला व अन्य दुकानदारों के लिए होती है। इनके अलावा शादियों तथा अन्य कार्यक्रमों के लिए यह खरीदी जाती है।


महँगाई के साथ बढ़ी प्रतिस्पर्धा

बर्फ फैक्टरी संचालक हरीश यादव ने बताया कि बर्फ के कारोबार में अभी अधिक मुनाफा नहीं हो रहा है। गर्मी बढ़ने पर बर्फ की खपत बढ़ेगी। फिलहाल 1 से 2 रुपए प्रति किलो में बर्फ बेची जा रही है। शादियों के सीजन में खपत के साथ भाव में भी बढ़ोतरी हो सकती है। शहर में पहले दो डिपो संचालित होते थे, लेकिन इन दिनों शहर में लगभग 5 डिपो संचालित हो रहे हैं।


प्रतिस्पर्धा के कारण भाव कम मिल रहे हैं। यही नहीं महँगाई के समय में बिजली तथा अन्य संसाधनों के क्रियान्वयन में भी अधिक खर्च होने लगा है। उन्होंने बताया कि बर्फ निर्माण में शुद्घता का पूरा ख्याल रखा जाता है। बर्फ गोला व्यवसायी पांडूलाल चौहान ने बताया कि वह वर्षों से ठेला लगाकर जीवनयापन करते हैं। उन्हें उम्मीद है कि वार्षिक परीक्षाओं के बाद व्यवसाय में तेजी आएगी। विशेषकर बच्चों को यह मीठा गोला पसंद आता है। उन्होंने बताया कि शहर में 100 से अधिक बर्फ गोला व्यवसायी हैं। कुछ लोग शरबत का ठेला भी लगाते हैं। -निप्र

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