क्वार्टर फाइनल में पहले ही जगह बना चुका गत चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया कल विश्वकप ग्रुप ए के बेमेल मुकाबले में कनाडा से भिड़ेगा तो उसके स्पिनरों का लक्ष्य बड़े मैचों से पहले अपनी उपयोगिता साबित करने का होगा।
ऑस्ट्रेलिया ने केन्या को 60 रन से हराकर क्वार्टर फाइनल में जगह बना ली है, लेकिन उसके गेंदबाजों खास तौर पर स्पिनरों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है।
ऑस्ट्रेलियाई स्पिनरों को विश्वकप में अभी तक चार ही विकेट मिल सके हैं लिहाजा कनाडा के खिलाफ यह मैच उनके लिए अपनी उपयोगिता साबित करने का सुनहरा मौका है। केन्या के खिलाफ खेलने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम में किसी बदलाव की गुंजाइश नहीं है, लेकिन कप्तान रिकी पोंटिंग की अपेक्षा होगी कि उनके स्पिनर अपनी छाप छोड़ सकें।
विशेषज्ञ स्पिनर जासन क्रेजा और स्टीव स्मिथ को एक एक ही विकेट मिल सका है। माइकल क्लार्क भी नाकाम रहे हैं। स्पिनरों की मददगार उपमहाद्वीप की विकेटों पर ब्रेट ली, शान टैट और मिशेल जॉनसन की तेज गेंदबाजी तिकड़ी ने 21.76 की औसत से 21 विकेट लिए हैं।
केन्या के खिलाफ क्रेजा और स्मिथ ने बीच के ओवरों में रन गँवाए जबकि श्रीलंकाई कप्तान कुमार संगकारा ने बारिश से धुले मैच में उन्हें आसानी से खेला।
पोंटिंग ने कहा मैं चाहूँगा कि स्पिनर कामयाबी हासिल करेंगे। बीच के ओवरों में जब गेंद पुरानी हो जाती है और विकेट स्पिन लेने लगता है तब हमारे स्पिनरों को विकेट लेने चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा।
पोंटिंग ने कहा मैंने स्पिनरों के साथ कई प्रयोग किए। स्मिथ को पावर-प्ले में भी गेंदबाजी सौंपी ताकि उसे अधिक अनुभव मिल सके। उसने पहली बार ऐसा किया और उम्मीद है कि उसके लिए यह अच्छा होगा। उन्होंने आगे कहाजासन ने भी कुछ प्रयोग किए। उसने स्पिन लेते विकेट पर अधिक गेंदबाजी की ताकि हालात के अनुकूल खुद को ढाल सके।
चार बार के चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया ने अभी तक तीन जीत दर्ज की है जबकि एक मैच टाई रहा। अब उसका इरादा कनाडा पर धमाकेदार जीत दर्ज करने का होगा। कल के मैच में बल्लेबाजी क्रम में प्रयोग का भी आखिरी मौका है क्योंकि ऑस्ट्रेलिया को आखिरी लीग मैच पाकिस्तान से खेलना है।