इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया एक बार फिर एशेज सिरीज में एक-दूसरे का मुकाबला करने को तैयार हैं। इंग्लैंड ने 2005 एशेज सिरीज में ऑस्ट्रेलिया को अपने ही देश में हराकर सालों बाद एशेज पर कब्जा जमाया था, लेकिन इसके बाद एशेज 2006-2007 में ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को 5-0 से हराकर हिसाब बराबर कर लिया।
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इस बार एशेज इंग्लैंड में खेली जा रही है और इंग्लैंड टीम अपने घरेलू मैदानों पर 2005 का कारनामा दोहराने की तैयारी में है। दूसरी तरफ ऑस्ट्रेलिया टीम इस प्रतिष्ठित सिरीज को जीतकर अपने प्रदर्शन के गिरते ग्राफ को सुधारना चाहेगी।
कप्तान रिकी पोंटिंग भले ही अपने कार्यकाल में ऑस्ट्रेलिया को दो विश्वकप जिता चुके हों, लेकिन जैफ थामसन जैसे पूर्व क्रिकेटरों को वे एक कमजोर कप्तान नजर आते हैं। पोंटिंग इंग्लैंड को उसी की धरती पर हराना चाहते हैं, यह उनकी दिली तमन्ना है। पोंटिंग के पास यह सुनहरा मौका है, जबकि वे इंग्लैंड को इंग्लैंड उसी की धरती पर एशेज हराकर एक बार फिर बेहतरीन कप्तान होने का परिचय दें।
इंग्लिश टीम के कप्तान एंड्रयू स्टॉस ने अब तक बढिया कप्तानी की है। एशेज 2009 उनके लिए अब तक की सबसे मुश्किल चुनौती है। स्ट्रॉस की टीम को घरेलू मैदानों में खेलने का फायदा मिलेगा, लेकिन 2005 की तरह इस बार इंग्लैंड टीम के पास एशले जाइल्स, साइमन जोंस, स्टीव हार्मिंसन, मैथ्यू होगार्ड जैसे गेंदबाज नहीं हैं, जिन्होंने अपने दम पर इंग्लैंड को एशेज 2005 में जीत दिलाई थी।
इस बार ऑस्ट्रेलिया टीम भी 2005 की तुलना में कमजोर नजर आ रही है। एडम गिलक्रिस्ट, शेन वॉर्न, डेमियन मार्टिन, ग्लैन मैग्राथ, मैथ्यू हैडन और जस्टिन लेंगर जैसे धाकड़ खिलाड़ी संन्यास ले चुके है, जिसका असर टीम के प्रदर्शन पर हुआ है।
बहरहाल दोनों ही टीमों के साथ प्लस और माइनस प्वाइंट जुडे हैं, लेकिन एशेज की इस जंग में जीत उसी टीम की होगी जो मुकाबले के आखिरी दौर तक मजबूत रहेगी।