Asian Games 2023 : तजिंदरपाल सिंह ने शॉटपुट में झटका स्वर्ण पदक
रविवार, 1 अक्टूबर 2023 (19:12 IST)
Asian Games 2023 : भारत के तेजिंदरपाल सिंह तूर ने रविवार को एशियाई खेलों के गोला फेंक (शॉटपुट) स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता है। चीन में चल रहे 19वें एशियाई खेलों में तेजिंदरपाल तूर ने 20.36 मीटर के थ्रो में अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक जीता। एशियाई खेलों का उनका यह लगातार दूसरा स्वर्ण पदक है।
आज हुए मुकाबले में तेजिंदरपाल ने पहले दो प्रयास में फाउल करने के बाद तीसरे प्रयास में 19.51 मीटर का थ्रो लगाया।
उनका चौथा थ्रो 20.06 मीटर का रहा लेकिन पांचवां थ्रो फिर फाउल हो गया। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रयास आखिरी थ्रो पर 20.36 मीटर था जिसने उन्हें स्वर्ण पदक दिलाया।
स्पर्धा में सउदी अरब के मोहम्मद डोडा टोलो ने 20.18 मीटर के साथ रजत पदक जीता जबकि चीन के लियू यांग को 19.97 मीटर के साथ कांस्य पदक मिला।
परवीन का पदक पक्का : दो बार की विश्व चैंपियन निकहत जरीन की लंबे समय से चली आ रही जीत की लय रविवार को यहां एशियाई खेलों के महिलाओं के 50 किग्रा वर्ग के सेमीफाइनल में हारकर टूट गई जबकि परवीन हुड्डा ने 57 किग्रा स्पर्धा के सेमीफाइनल में जगह बनाकर ओलंपिक कोटा हासिल करते हुए पदक पक्का किया।
निकहत को सेमीफाइनल में थाईलैंड की दो बार की विश्व चैम्पियनशिप पदक विजेता रकास्त चुथामत से 2-3 से हारकर कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।
विश्व चैम्पियनशिप में 63 किग्रा में कांस्य पदक जीतने वाली परवीन ने क्वार्टर फाइनल में उज्बेकिस्तान की सितोरा तर्डिबेकोवा को सर्वसम्मत फैसले से हराया।
फॉर्म में चल रही निकहत ने अक्टूबर 2021 में राष्ट्रीय चैम्पियनशिप के बाद से एक भी मुकाबला नहीं गंवाया था। उन्होंने इस साल के शुरु में विश्व चैम्पियनशिप में रकास्त चुथामत को भी पराजित किया था।
निकहत ने पिछले दो वर्षों में स्ट्रैंद्जा मेमोरियल मुक्केबाजी टूर्नामेंट, दो विश्व चैम्पियनशिप और राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीते।
लेकिन रविवार को रकास्त चुथामत इस भारतीय मुक्केबाज के खिलाफ पूरी तैयारी के साथ उतरी थीं।
थाईलैंड की मुक्केबाज ने विभाजित फैसले से जीत दर्ज की। निकहत ने पहला राउंड जीत लिया था लेकिन उनकी प्रतिद्वंद्वी ने वापसी करते हुए अगले दोनों राउंड जीतकर फाइनल में प्रवेश किया। निकहत इस तरह ओलंपिक कोटे और कांस्य पदक के साथ लौटेंगी।
मौजूदा एशियाई चैंपियन परवीन अपने मुकाबले में शुरू से ही लय में दिखी। उन्होंने अपनी लंबाई का फायदा उठाते हुए 21 साल की प्रतिद्वंद्वी को बाएं और दाएं दोनों ओर से मुक्के जड़े।
परवीन ने शुरुआती दौर में आक्रामक रवैया अपनाया लेकिन इसके बाद तर्डिबेकोवा को अपने करीब आने का मौका दिया और फिर सटीक पंच जड़े।
तर्डिबेकोवा ने भी इस दौरान कुछ अच्छे मूव बनाकर परवीन को पंच जड़े लेकिन यह काफी नहीं था।
राष्ट्रमंडल खेलों की कांस्य पदक विजेता जैस्मीन लम्बोरिया 60 किग्रा क्वार्टर फाइनल मुकाबले में उत्तर कोरिया की मुक्केबाज वोन उन्गयोंग से दूसरे दौर में आरएससी (रेफरी द्वारा मैच रोकने) से हारने के बाद बाहर हो गईं।
जैस्मीन ने पहला दौर 5-0 से अपने नाम किया। उन्होंने इसके बाद अपने हेड गियर को सही तरीके से लगाने की मांग की। भारतीय खिलाड़ी ने इसके बाद एकाग्रता गंवा दी और वोन ने उन्हें करारे हुक्स तथा जैब्स जड़ दिये।
जैस्मीन इसके बाद बचाव की मुद्रा में आ गयी और इसका फायदा उठाते हुए वोन ने उन्हें और पंच लगाये जिससे वह एक-एक कर तीन बार कोर्ट में गिर गयी। तीसरी बार कोर्ट में गिरने के बाद वोन को विजेता घोषित कर दिया गया।
निकहत (50 किग्रा), प्रीति पवार (54 किग्रा), लवलीना बोरगोहेन (75 किग्रा) और नरेंद्र बेरवाल (92 किग्रा से अधिक) पहले ही अपने-अपने वर्ग में ओलंपिक कोटा हासिल कर चुके हैं।
महिला वर्ग में 50 किग्रा, 54 किग्रा, 57 किग्रा और 60 किग्रा में सेमीफाइनल में पहुंचने वाले और 66 किग्रा तथा 75 किग्रा में फाइनल में पहुंचने वाले मुक्केबाजों को पेरिस ओलंपिक का कोटा मिलेगा। पुरुष वर्ग में 7 वजन वर्गों से स्वर्ण और रजत पदक विजेताओं को ओलंपिक कोटा मिलेगा।