तमुलपुर (असम)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने असम में अब तक समर्पण नहीं करने वाले उग्रवादियों से मुख्य धारा में लौटने की अपील करते हुए शनिवार को कहा कि उन्हें 'आत्मनिर्भर असम' बनाने की जरूरत है। बकसा जिले के तमुलपुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि असम के लोग हिंसा के खिलाफ हैं और वे विकास, शांति, एकता तथा स्थिरता के साथ हैं।
मोदी ने कहा कि राजग सरकार बिना किसी भेदभाव के समाज के सभी वर्गों के लिए योजना बनाती है। राज्य में लंबे समय तक रहे हिंसा के माहौल के लिए कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि समाज के टुकड़े करके और भेदभाव करके समाज के एक वर्ग के लिए कुछ दिया जाए तो उसे धर्मनिरपेक्षता कहा जाता है और जो सभी के लिए काम करते हैं, उन्हें सांप्रदायिक कहा जाता है।
उन्होंने कहा कि राजग सरकार ने 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' के मंत्र के साथ समाज के हर वर्ग को पूरी तरह सशक्त बनाने का प्रयास किया है। धर्मनिरपेक्षता और सांप्रदायिकता के इस खेल ने देश को बहुत नुकसान पहुंचाया है। मोदी ने कहा कि केंद्र और असम में पिछले 5 साल में 'दोहरे इंजन' वाली राजग सरकारों के होने से राज्य के लिए दोहरे फायदे वाले परिणाम आए हैं।
मोदी ने एआईयूडीएफ संस्थापक और सांसद बदरुद्दीन अजमल के बेटे अब्दुर रहीम द्वारा कांग्रेस की एक रैली में दिए गए बयान की ओर इशारा करते हुए भी निशाना साधा। रहीम ने शुक्रवार को एक रैली में कहा था कि 'दाढ़ी, टोपी और लुंगी वाले' असम में अगली सरकार बनाएंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे बड़ा असम के लिए कोई अपमान नहीं हो सकता। असम की जनता उन लोगों को बर्दाश्त नहीं करेगी, जो असम के गौरव और पहचान का अपमान करते हैं और जनता उन्हें मतदान के जरिए मुंहतोड़ जवाब देगी। असम के लोगों ने दोबारा राजग की सरकार बनाने का फैसला कर लिया है। सरकार असम समझौते को पूरी तरह से लागू करने के लिए गंभीरतापूर्वक काम कर रही है, ज्यादातर समस्याओं को हल कर लिया गया है और बाकी का हल भी जल्द निकाला जाएगा। (भाषा)