वर्ष 2012 राहुल गांधी के लिए सावधानीपूर्वक रहने का है। वर्ष में मुख्य ग्रह शनि तुला में चल रहा है। गुरु मेष में है, राहु वृश्चिक में, केतु वृषभ में तथा सर्वाधिक समय तक रहने वाला मंगल इस वर्ष सिंह में रहेगा।
राहुल गांधी पत्रिका के अनुसार शनि का गोचरीय भ्रमण षष्ट भाव से होगा जो शत्रुओं पर प्रभावशाली तो रहेगा, लेकिन जन्म के समय शनि नीच का होकर द्वादश भाव में है। वर्तमान में शनि की नीच दृष्टि छठे भाव से द्वादश पर पड़ने से शनि का निम्न असर द्वादश पर दोगुना हो रहा है यानी राहुल को बाहरी ताकतों से नुकसान रहेगा।
राहुल की पत्रिका में शनि नीच का होकर भाग्येश व दशमेश है। यह योग राजनीति के क्षेत्र में प्रभावहीन बना रहा है। आने वाले समय में चार राज्यों में चुनाव है। राहुल के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा का है। इन चुनाव के परिणामों से कांग्रेस का राजनीतिक भविष्य भी स्पष्ट हो जाएगा।
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कुंडली में गुरु का मेष राशि में भ्रमण 17 मई तक रहेगा। जो मददगार साबित हो सकता है, लेकिन गुरु जन्म के समय वक्री होकर षष्ट भाव में शत्रु शुक्र की राशि में होने से विशेष लाभकारी नहीं रहेगा। सप्तम भाव व बाहरी भाव द्वादश का स्वामी मंगल शनि की तृतीय दृष्टि में होने से आगामी वर्ष में काफी उतार-चढ़ाव देखना पड़ सकता है।
25 जनवरी से मातृ भाव चतुर्थ में मंगल वक्री होकर 22 जून तक वहीं रहेगा। यह स्थिति माता के लिए कष्टकारी साबित हो सकती है। राहुल के लिए भी मंगल जनता के बीच नुकसानप्रद रह सकता है।
सप्तम भाव का राहु निकटतम व्यक्तियों से सावधान रहने की ओर इशारा कर रहा है। अभी चंद्र में गुरु का अंतर(19-1-2012 तक) भी विशेष लाभकारी नहीं है। इसके बाद चंद्र में शनि का अंतर बाहरी मामलों में सावधानी रखने का रहेगा। विशेष तौर पर फरवरी से मार्च तक ज्यादा सावधानी बरतना होगी। सुरक्षा का घेरा तोड़ कर नहीं जाना चाहिए। स्वास्थ्य के प्रति सावधानी रखना होगी।