शनिवार को जूता-छतरी दान करें। भैरव मंदिर में शनिवार-रविवार को तेल का दीपक लगाकर भैरव के 108 नाम का स्तोत्र पाठ करें। शनिवार का व्रत एवं शनि चालीसा का पाठ करें। बंदरों की सेवा करें। नीले, आसमानी, स्लेटी रंग के वस्त्र पहनें। मद्यपान नहीं करें। नीलम धारण करें। इसके अभाव में लाजावर्त धारण करें।