पुष्य नक्षत्र को सभी 27 नक्षत्रों का राजा माना गया है। यह अत्यन्त शुभ नक्षत्र है। प्रभु श्रीराम का जन्म-नक्षत्र होने के कारण पुष्य नक्षत्र की विशेष प्रतिष्ठा है। पुष्य नक्षत्र जब गुरुवार एवं रविवार के दिन होता है तब इसे गुरु-पुष्य एवं रवि-पुष्य संयोग के नाम से जाना जाता है। यह सभी कार्यों के लिए शुभ व श्रेष्ठ मुहूर्त होता है। वर्ष 2018 में केवल 3 रवि-पुष्य और 2 गुरु-पुष्य संयोग बन रहे हैं। आइए जानते हैं कि वर्ष 2018 में रवि-पुष्य व गुरु-पुष्य शुभ संयोग कब-कब बनेगा।