धन-संपत्ति- चल-अचल संपत्ति में वृद्धि, कर्जमुक्ति तथा पूंजी की आवक सहज ही होगी। सम्मान बढ़ेगा। दूसरों पर अतिविश्वास हानि देगा अत: अनुबंध सोच-समझकर करें। आय में निश्चिंतता रहेगी। कर्ज आसानी से प्राप्त होगा।
स्वास्थ्य- कार्यभार तथा जीवन की अनियमितता के कारण स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। उदर विकार, हृदय संबंधित रोग, हड्डी की चोट या रोग होने की आंशका बनती है।