गुरु ज्ञान व उन्नति का कारक ग्रह भी माना जाता है। गुरु मीन लग्न वालों या मीन राशि वालों के लिए लग्नेश व दशमेश होता है। दशम भाव व्यापार, नौकरी, पिता, राज्य का कारक भाव माना जाता है। इस भाव में मीन लग्न वालों के लिए धनु राशि आती है। यदि जन्म लग्न में गुरु मीन में हो या कर्क उच्च में हो या वृश्चिक राशि में हो एवं गोचर में यदि उच्च की कर्क राशि का आ जाए तो यह इस लग्न वाले जातक को विद्या, बुद्धि, संतान, परीक्षा आदि में सफलता दिलाता है।
ऐसे जातकों को धर्मपरायण बनाकर, भाग्योन्नति में वृद्धि कराकर निरन्तर प्रगति में सहायक होता है। ऐसा जातक यदि बेरोजगार हो तो तो उसे रोजगार मिलता है या रोजगार हेतु किए गए प्रयासों में उसे अत्यंत सफलता प्राप्त होती है। मीन लग्न वालों के प्रभाव में वृद्धि होती है एवं शत्रु पक्ष पर भी प्रभाव बना रहता है।
कर्क लग्न वालों को यदि गुरु गोचर में उच्च का होगा तो वह लग्न में होगा। ऐसे जातकों के प्रभाव में वृद्धि होगी। भाग्यवान द्वारा उसके अनेक कार्य सफल होंगे। धार्मिक कार्य या अनुष्ठान भी हो सकता है। वहीं धार्मिक यात्राएँ भी होंगी। संतान, विद्या का सुख भी इसी दिशा में प्राप्त होता है। परीक्षा आदि में सफलता मिलती है। वाद-विवाद में विजयी होता है।
स्वयं प्रतिभावान होता है, लेकिन इस लग्न वालों के लिए गुरु उच्च का यदि लग्न में ही हो एवं गोचर में भी हो तो पत्नी से तनाव या वाद-विवाद की स्थिति बनती रहती है। ऐसे जातकों को पत्नी से हानि या धोखा भी मिल सकता है। दैनिक रोजगार से संबंधित कठिनाइयाँ भी आती हैं। साझेदारों से नुकसान भी होता है।
वृश्चिक लग्न वालों के लिए उच्च का गुरु नवम भाव में होगा। यदि गुरु गोचर में भी उच्च का हो तो और अधिक प्रभावी माना जाएगा। ऐसे जातक धार्मिक प्रवृत्ति के होते हैं। इन्हें अनेक यात्राओं का सौभाग्य प्राप्त होता है। इनके प्रभाव में वृद्धि होती है।
इस लग्न वालों की महत्वाकांक्षाएँ बढ़ेंगी। इन्हें बड़ों का सहयोग प्राप्त होगा। इनकी मान-प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। कौटुंबिकजनों का भी सहयोग मिलेगा। धन की बचत भी होती है। वाणी में प्रभाव बढ़ता है। संतान पक्ष मजबूत होता है एवं विवाह योग्य यदि संतान है तो विवाह भी हो जाता हैं एवं घर या परिवार में शुभ कार्य भी होते हैं। इस लग्न वाले यदि प्रतियोगी परीक्षा में भाग लें तो सफलता प्राप्त करते हैं। ऐसे व्यक्ति यदि राजनीति के क्षेत्र में हों तो भी सफल होते हैं। जहाँ बड़े-बड़े व्यक्तियों का संपर्क होता है, वहीं उनसे लाभ भी प्राप्त होता है।
अभी वर्तमान में गोचर उच्च राशि का है। अतः मीन राशि या लग्न वालों के लिए यह वर्ष उत्तम रहेगा। वहीं आगे आने वाले वर्ष भी श्रेष्ठ होंगे। जिस समय गुरु तुला में आएगा, वह वर्ष थोड़ा मध्यम रहेगा। इसके बाद गुरु के वृश्चिक में आने पर फिर से जातक प्रभावशाली होंगे।