जनवरी 2011 : ज्योतिष की नजर से

ND

जनवरी प्रारंभ में शुक्र वृश्चिक राशि में परिभ्रमण कर रहा है, इसके प्रभाव से जन‍ता सुखी रहेगी। सभी प्रकार के अनाज सस्ते होंगे। शुक्र स्वस्थ और आत्मनिर्भर भी बनाता है। जनवरी प्रथम सप्ताह में मंगल का उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में परिभ्रमण रहना अच्छी वर्षा करा सकता है। अत: उत्पादन अच्छा होगा। धान, घी, तेल महँगे होने की संभावना बढ़ जाती है।

मंगल राशि बदल कर मकर राशि में प्रवेश करेगा। इससे भी घी महँगा होगा। तेल में भी तेजी आएगी। इसी के साथ धान्य सस्ते होंगे। आम जनता का जीवन सामान्य रहेगा।

बुध का धनु राशि में प्रवेश जंगली जानवरों के लिए घातक रहेगा। विशेषकर हिरण एवं हाथी का नाश होने के प्रबल योग बनते है। सरकार एवं प्रजा में विरोध पैदा होगा। 14 जनवरी को सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेगा। इसका परिणाम यह होगा कि इस वर्ष दक्षिण तथा पश्चिम के देशों में परेशानी एवं अशांति का वातावरण रहेगा।

उत्तर के देशों में झगड़े, युद्ध जैसी स्थिति का भय बना रहेगा। इसके ‍ठीक विपरित प्रभाव पूर्व के देशों पर पड़ेगा। वहाँ सुख एवं शांति का वातावरण रहेगा। इस माह में कहीं-कहीं रक्तपात एवं कहीं जल से हानि के योग बनते है।

ND
जनवरी मध्य से तेज वायु के साथ शीत का प्रकोप भी बढ़ेगा। जनवरी मध्य में कहीं बूँदाबाँदी भी होगी। मंगल का पुन: नक्षत्र में परिवर्तन (श्रवण नक्षत्र में प्रवेश) भी धान्य के उत्पादन को बढ़ाएगा। इसके ठीक विपरीत शुक्र धनु राशि में प्रवेश करेगा जो कि धान्य को महँगा करेगा एवं वर्षा का योग खत्म करेगा अर्थात् नाश होगा।

जनवरी अंतिम 30 तारीख को बुध मकर राशि में प्रवेश करेगा। इसके फलस्वरूप शुभ-अशुभ दोनों ही प्रकार के फल प्राप्त होंगे। धान्य का भाव भी स्थिर बना रहेगा। जनता सुखी रहेगी।

इस माह कहीं-कहीं शीतलहर के साथ बूँदाबाँदी भी होगी। कुछ भागों में खंडवृ‍ष्टि होगी। पर्वतीय क्षेत्रों में ओलावृष्टि होने की संभावना बनती है। मैदानीय स्थानों में वर्षा एवं शीत लहर का बराबर प्रभाव रहेगा।

वेबदुनिया पर पढ़ें