पुष्य नक्षत्र पुरुष एवं शुभ नक्षत्र है। अन्य सभी नक्षत्रों में पुष्य नक्षत्र को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। पुष्य को नक्षत्रों का राजा भी कहा जाता है। वर्ष 2014 में शुभ कार्यों के लिए विशेष 12-13 पुष्य नक्षत्र रहेंगे। खरीदारी के लिए खास 5 गुरु पुष्य और 2 रवि पुष्य नक्षत्र भी इसी वर्ष होंगे।
नए साल का पहला पुष्य नक्षत्र 16 व 17 जनवरी को होगा। 16 को गुरु-पुष्य नक्षत्र रहेगा। जो शुक्रवार को दोपहर 3.10 मिनट तक रहेगा।
देवगुरु बृहस्पति को पुष्य नक्षत्र के अधिष्ठाता देवता माने गए हैं। किसी भी नक्षत्र पर उसके देवता का प्रभाव नक्षत्रपति की तुलना में अधिक होता है। पुष्य नक्षत्र का स्वामी ग्रह शनि है परंतु नक्षत्र का ग्रह बृहस्पति होने से इस नक्षत्र में गुरु के गुण अधिक दिखाई देते हैं। माना जाता है कि इस नक्षत्र में किए गए कार्य में सफलता की पूरी संभावना होती है।