मई 2010 : ज्योतिष की नजर में

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2 मई 2010 को बृहस्पति ने अपनी राशि परिवर्तन कर मीन राशि में प्रवेश किया है। जब-जब भी परिवर्तन होता है उसका शुभ-अशुभ परिणाम अवश्य आता है। बृहस्पति के राशि परिवर्तन से कुप्रभाव की संभावना है। पशुओं पर विपत्ति आने से उनका नाश होने के योग बनेंगे। साथ ही अशांति की संभावना बढ़ेगी।

'यदा सुरगुरुमीने दुर्भिक्षं तत्र रौरवम्:।'

14 मई को सूर्य वृषभ राशि में प्रवेश करेगा। जिसके फलस्वरूप दक्षिण तथा पश्चिम के देशों में दुर्भिक्ष का भय, उत्तर के देशों में युद्ध का भय और पूर्व के देशों में शुभ फल प्राप्त होंगे।

मई मध्य में तेज हवा के साथ कहीं-कहीं बूँदा-बाँदी के साथ साधारण वर्षा होने के योग बनते हैं। मैदानी भागों में गर्मी बढ़ेगी। मई मध्य में शुक्र वृषभ राशि से परिवर्तन कर मिथुन राशि में प्रवेश करेगा, परिणामस्वरूप अनाज के भाव बढ़ेंगे। विशेषकर चावल, गेहूँ एवं चना विशेष तेजी पर रहेगा।

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गुरु र‍ाशि के साथ-साथ 20 मई 2010 को नक्षत्र परिवर्तन कर उत्तराभाद्रपद में प्रवेश करेगा जिसके फलस्वरूप अनावृष्टि की संभावना बढ़ती है एवं अशां‍ति का वातावरण बनेगा। 26 मई को मंगल मघा नक्षत्र में प्रवेश करेगा। इसके फलस्वरूप सोना, चाँदी, ताँबा एवं लाल रंग की सभी वस्तुएँ महँगी होती है। देखिए इस माह शनि-मंगल से दूसरे भाव में एवं शनि से भौम द्वादश भाव में विराजमान है। जिसके अशुभकारी परिणाम आएँगे।

वायुयान दुर्घटना, बम विस्फोट तथा अग्निकांड तथा असामाजिक आतंकवादियों की गतिविधियाँ बढ़ेगी। भय का वातावरण रहेगा। रक्तपात की संभावना बढ़ती है। मई मास में वैशाख शुक्ल पक्ष पड़वा तिथि एवं चतुर्दशी तिथि क्षय हो रही है इसके भारी दुष्परिणाम आ सकते हैं।

युद्ध की संभावना एवं लोगों का नाश करने वाला रहेगा। माह की कुंडली पर नजर डालें तो सूर्य के आगे शुक्र एवं केतु स्थित है, पीछे बुध स्थित है अत: गर्मी का प्रकोप बढ़ेगा। मैदानी भागों में तेज गर्मी एवं गर्म हवाओं से लोग त्रस्त होंगे। कहीं-कहीं वायु के तेज प्रभाव मई के अंतिम सप्ताह में होने के आसार बनते हैं।

दिल्ली, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, पंजाब, बिहार, मध्यप्रदेश, उत्तरांचल, छत्तीसगढ़ एवं झारखंड में लोग गर्मी से अधिक परेशान होंगे। मनुष्य के स्वभाव पर इस परिवर्तन का बड़ा प्रभाव पड़ता है। मनुष्य ने ऋतु-काल परिस्थितिनुसार अपने को ढाल कर रखना चाहिए।

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