हर लड़की का सपना होता है कि उसका एक घर हो, एक पति हो, लेकिन इसके पहले उसकी शादी जरूरी होती है। शादी के लिए पंडित ग्रहों की गड़बड़ बताकर कह देते हैं कि अभी शादी का योग नहीं बन रहा, पर अब पंडितजी का यह बहाना नहीं चलेगा।
वर्ष 2008 में पूरे वर्ष गुरु ग्रह धनु राशि में रहेगा। 21 नवंबर को यह धनु राशि में प्रवेश कर चुका है, जो आगामी 13 माह तक इसमें रहेगा। विवाह लग्न बनाने में गुरु ग्रह, सूर्य और चंद्र बल देखकर ही पंडित शादी का समय तय करते हैं और कन्या की शादी में गुरु ग्रह का बल अवश्य देखा जाता है।
गुरु 13 माह तक ही धनु राशि में रहता है, इसलिए इसके अधिक समय तक एक ही राशि में बने रहने के कारण जिन कन्याओं की नाम राशि या जन्म राशि, जिससे भी विवाह की लग्न बनाई जाती है, उससे गुरु चार, आठ और बारह होने पर पंडित विवाह तिथि को आगे कर देते हैं। जबकि सूर्य एक माह में और चंद्रमा सवा दो दिन में अपनी राशि बदलता है। इनका बल तो आगे-पीछे एक-दो माह में सम हो जाता है, मगर गुरु का बल सम नहीं हो पाता।
हर लड़की का सपना होता है कि उसका एक घर हो, एक पति हो, लेकिन इसके पहले उसकी शादी जरूरी होती है। शादी के लिए पंडित ग्रहों की गड़बड़ बताकर कह देते हैं कि अभी शादी का योग नहीं बन रहा, पर अब पंडितजी का यह बहाना नहीं चलेगा।
अगले 13 महीने तक गुरु अपनी राशि धनु में रहेगा, क्योंकि वह उसका स्वामी है। ऐसी स्थिति में गुरु के चार, आठ, बारह रहने पर भी उन राशि वाली कन्याओं के विवाह हो सकेंगे, जिनकी नाम राशि या जन्म राशि में गुरु चार, आठ, बारह हैं।
वर्ष 2008 के दौरान विवाह मुहूर्त * जनवरी - 19, 24, 26, 27, 28, 31
5 मई 08 को शुक्र ग्रह अस्त हो जाएगा, जो 10 जुलाई 08 को उदय होगा, इसलिए 27 अप्रैल से जुलाई तक मुहूर्त नहीं है, फिर देवशयन काल रहेगा नवंबर में ही विवाह मुहूर्त बनेगा।