सूर्य की महादशा : प्रबल सूर्य की दशा में व्यक्ति को कई तरह के सुख मिलते हैं। पिता, राज्य और समाज से लाभ होता है। धर्म के प्रति आस्था जागती है और स्वास्थ्य ठीक रहता है। सूर्य निर्बल हो तो इन फलों से विपरीत फल मिलते हैं। राज्य से हानि, पिता व परिवार को कष्ट और अर्थ नाश होता है।
मेष के सूर्य की दशा लाभ, धन का सुख व सम्मान देती है। मेष में सूर्य उच्च का होकर प्रबल हो जाता है।
वृषभ और तुला के सूर्य की दशा पत्नी और परिवार की चिंता देती है। मन में शंका रहती है। स्वास्थ्य में मुख्यतः नेत्रों में कष्ट बना रहता है।
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मिथुन और कन्या के सूर्य की दशा घर में सुख और सम्पदा को बढ़ाती है। धर्म और आध्यात्म में रूचि होती है। काव्य और संगीत के प्रति रूचि जगाती है।
कर्क राशि का सूर्य सब तरह के सुखों की वृद्धि करता है। अपनी दशा में राज्य से सम्मान, माता-पिता से लाभ और स्नेह मिलता है। लेकिन उनके स्वास्थ्य में कष्ट हो सकता है।
सिंह राशि का सूर्य अपनी महादशा में पदोन्नति, कारोबार में बढ़त, राज्य लाभ, धन-लाभ देता है।
वृश्चिक राशि का सूर्य अपनी दशा में भूमि लाभ, पराक्रम में वृद्धि, सम्मान की प्राप्ति करता है।
धनु और मीन राशि का सूर्य अपनी दशा में वाहन, सेवक और राज्य का सुख देता है। पदोन्नति के अवसर आते हैं। आमदनी बढ़ती है और परीक्षा में सफलता मिलती है।
मकर और कुम्भ का सूर्य हो तो अपनी महादशा में धन हानि, चिंता, रोग और सम्मान में कमी का कारण बनता है।
विशेष : सूर्य के प्रतिकूल प्रभाव की अवस्था में सूर्य के दर्शन, गायत्री मंत्र का जाप, पिता या पिता समान व्यक्ति की सेवा और रविवार का व्रत करना चाहिए। सूर्य की अनुकूल स्थिति में माणिक पहन सकते हैं।