सूर्य को नवग्रहों का राजा कहा जाता है। सूर्य प्राणीमात्र की जीवनीशक्ति भी है। सूर्य के प्रकाश के बिना इस विश्व में कहीं भी जीवन सम्भव नहीं। वहीं ज्योतिष शास्त्र में सूर्य प्रतीक है आत्मा का, सत्ता का, राजसी जीवनशैली का।
12. फ़ाल्गुन-जिष्णु
सूर्यदेव की प्रसन्नता हेतु करें भानु-सप्तमी व्रत-
सूर्य-सप्तमी व्रत प्रत्येक माह की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को किया जाता है। इस दिन व्रती प्रात:काल स्नान के उपरांत उस माह के अधिष्ठाता सूर्य का नाम उच्चारण करते हुए सूर्यदेव को कुंकुम मिश्रित जल से अर्घ्य दें। तत्पश्चात् दिन भर उपवास रखकर सायंकाल सूर्यास्त से पूर्व बिना नमक वाला भोजन कर उपवास का पारण करें। इस व्रत को करने से सूर्यदेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।