* जो लोग बाहर से आकर अपने चप्पल, जूते-मोजे इधर-उधर उतार देते हैं, उन्हें शत्रु परेशान करते हैं। इससे बचने के लिए आप जूते-चप्पल उचित स्थान पर रखें। इससे आपकी प्रतिष्ठा बढ़ेगी। यूं भी यह बाहर की इतनी सैर कर के आते हैं कि इनमें कीटाणु बहुतायत में होते हैं। अत: इन्हें यथास्थान रखें।
* जिन लोगों को अपनी जूठी थाली या बर्तन उसी जगह पर छोड़ने की आदत होती है उनको सफलता भी कभी स्थाई रूप से नहीं मिलती। उनको बहुत मेहनत करनी पड़ती है और ऐसे लोग अच्छा नाम नहीं कमा पाते। आप अपने जूठे बर्तनों को उठाकर उनकी सही जगह पर रखकर पानी से खंगालकर रखें ताकि उसमें जूठन न रहे तो ऐसा करने से आप चन्द्रमा और शनि का सम्मान करते हैं। कभी भी थाली में जूठे हाथ ना धोएं। यह अन्न देव का अपमान है।
* रोज खाली हाथ लौटने पर धीरे-धीरे उस घर से लक्ष्मीजी का वास कम होगा और घर के सदस्यों पर नकारात्मक या निराशा के भाव आने लगते हैं। इसके विपरीत घर लौटते समय कुछ-न-कुछ वस्तु लेकर आएं, तो उस घर में बरकत होगी और सबसे बड़ी बात है कि किस ग्रहयोग में आई वस्तु क्या खुशियां लेकर आएगी यह आप नहीं जानते इसलिए घर में हमेशा कुछ ना कुछ लेकर ही प्रवेश करें।
* हमारे घर जब भी कोई बाहर से आए, चाहे घर का सदस्य हो या मेहमान। यहां तक कि काम करने वाले ही क्यों न हो, उसे स्वच्छ पानी जरूर पिलाएं। ऐसा करने से आप राहु का सम्मान करते हैं और आपके घर में कभी राहु का दुष्प्रभाव नहीं पड़ता। यूं भी पानी पिलाने के लिए तो लोग प्याऊ तक खुलवाते हैं।
* घर के पौधे आपके परिवार के सदस्यों जैसे ही होते हैं। उन्हें भी प्यार और देखभाल की आवश्यकता होती है। जिस घर में नियमित सुबह-शाम पौधों को पानी दिया जाता है तो वे लोग बुध, सूर्य और चन्द्रमा का सम्मान करते हुए परेशानियों से डटकर मुकाबला करते हैं और उनको अवसाद, वैराग्य, कुंठा जैसी परेशानी नहीं होती।