Pitro ki shanti ke upay : हिन्दू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास हिंदू वर्ष का चौथा महीना होता है। आषाढ़ माह की अमावस्या के दिन का बहुत महत्व माना गया है। इस हलहारिणी अमावस्या भी कहते हैं। इसके बाद गुप्त नवरात्रि का प्रारंभ हो जाता है। इस अमावस्या को दान-पुण्य और पितरों की शांति के लिए किए जाने वाले तर्पण के लिए बहुत ही उत्तम एवं विशेष फलदायी माना गया है।
2. इस दिन पितरों की शांति के लिए आप चाहें तो उपवास रख सकते हैं।
3. पितरों की शांति के लिए किसी गरीब ब्राह्मण को दान दक्षिणा दें।
4. पितरों की शांति के लिए किसी भूखे को भरपेट भोजन कराएं।
5. इस दिन संध्या के समय पीपल के पेड़ के नीचे सरसो के तेल का दीपक लगाएं और अपने पितरों का स्मरण करके पीपल की 7 परिक्रमा करें।
6. इस दिन पितरों की शांति के लिए हवन कराकर दान-दक्षिणा देना चाहिए।
7. इस दिन नदी के किनारे स्नान करने के बाद पितरों का पिंडदान या तर्पण करना चाहिए।