लक्ष्मीजी 8 अवतार बताए गए हैं:- महालक्ष्मी, जो वैकुंठ में निवास करती हैं। स्वर्गलक्ष्मी, जो स्वर्ग में निवास करती हैं। राधाजी, जो गोलोक में निवास करती हैं। दक्षिणा, जो यज्ञ में निवास करती हैं। गृहलक्ष्मी, जो गृह में निवास करती हैं। शोभा, जो हर वस्तु में निवास करती हैं। सुरभि (रुक्मणी), जो गोलोक में निवास करती हैं और राजलक्ष्मी (सीता) जी, जो पाताल और भूलोक में निवास करती हैं।
अष्टलक्ष्मी माता लक्ष्मी के 8 विशेष रूपों को कहा गया है। माता लक्ष्मी के 8 रूप ये हैं- आदिलक्ष्मी, धनलक्ष्मी, धान्यलक्ष्मी, गजलक्ष्मी, संतानलक्ष्मी, वीरलक्ष्मी, विजयलक्ष्मी, विद्यालक्ष्मी। आओ जानते हैं कि धनलक्ष्मी कौन है और माता का मंत्र क्या है।
धनलक्ष्मी-
1. लक्ष्मी मां, धनलक्ष्मी के रूप में अपने भक्तों की आर्थिक समस्याओं और दरिद्रता का नाश कर उसे धन-दौलत से परिपूर्ण कर घर में बरकत देती हैं।
2. धनलक्ष्मी की कृपा प्राप्ति से व्यर्थ का व्यय, कर्ज और समस्त आर्थिक परेशानियों से मुक्ति मिलती है।
3. कहते हैं कि भगवान विष्णु ने एक बार देवता कुबेर से धन उधार लिया था जिसे समय पर वो चूका नहीं सके, तब लक्ष्मीजी ने ही विष्णुजी को कर्ज मुक्त करवाया था। इसीलिए उनका नाम धनलक्ष्मी हो गया। धनलक्ष्मी
4. देवी लक्ष्मी का घनिष्ठ संबंध देवराज इन्द्र तथा कुबेर से है। इन्द्र देवताओं तथा स्वर्ग के राजा हैं तथा कुबेर देवताओं के खजाने के रक्षक के पद पर आसीन हैं। देवी लक्ष्मी ही इन्द्र तथा कुबेर को इस प्रकार का वैभव, राजसी सत्ता प्रदान करती हैं। देवी लक्ष्मी कमलवन में निवास करती हैं, कमल पर बैठती हैं और हाथ में कमल ही धारण करती हैं।
5. धनलक्ष्मी देवी का मंत्र है- ॐ धनलक्ष्म्यै नम:
5. धन प्राप्ति हेतु धनलक्ष्मी की संध्या के समय मंदिर में धूप दीप जलाकर आरती करनी चाहिए। इससे मां लक्ष्मी की कृपा दृष्टि बनी रहती है। शाम के समय तुलसी के पौधे में भी दीपक जलाना चाहिए। संध्या के समय घर में शांति का वातावरण रखें। जिनके घर में संध्या के समय लड़ाई झगड़ा या अनावश्यक शोर होता है। उनके घर में मां लक्ष्मी वास नहीं करती हैं।
6. धनलक्ष्मी का चित्र : लक्ष्मी जी का वह चित्र जिसमें वे उनके एक ओर श्रीगणेश और दूसरी ओर सरस्वती हो तथा माता लक्ष्मी दोनों हाथों से धन बरसा रही हों, धन प्राप्ति के लिए बहुत शुभ होता है। यदि बैठी हुई लक्ष्मी माता के चित्र ला रहे हैं तो लक्ष्मी मां का वह चित्र लेकर आएं, जिसमें कमल के आसन पर बैठी हुई हों और उनके आसमान सुंड उठाए हाथी हों। इस तरह के चित्र का पूजन करने से मां लक्ष्मी सदैव आपके घर में विराजमान रहेंगी। चित्र में माता लक्ष्मी के पैर दिखाई नहीं देते हों अन्यथा लक्ष्मी घर में लंबे समय तक नहीं टिकती। इसलिए बैठी हुई लक्ष्मी को ही सर्वश्रेृष्ठ माना गया है। चित्र में मां लक्ष्मी के साथ अगर ऐरावत हाथी भी है, तो वह अद्भुत और शुभ फलों को प्रदान करेगा। कुछ तस्वीरों में लक्ष्मी मां के दोनों ओर दो हाथी बहते पानी में खड़े होते हैं और सिक्कों की बारिश करते हैं। इस तरह का चित्र पूजने से किसी भी स्थिति में घर में धन की कमी नहीं होती। इसके अलावा यदि सूंड में कलश लिए हुए हाथी भी खड़े हों तो शुभ माना जाता है।