विवाह के लिए ज्योतिष का नियम है कि सातवें घर की दशा तथा नवम् घर की अंतरदशा में विवाह होता है। गुरु केंद्र में गोचर में हो या नवम् घर की दशा तथा सातवें घर के स्वामी की अंतरदशा में विवाह होता है। इसलिए यदि इनमें से कोई ग्रह अस्त, शत्रु राशि, नीच राशि में या वक्री हो तो इनके मंत्रों का जाप करें या कराएं। दान आदि करें। यदि मांगलिक हों तो मंगल शांति करवाएं। उसके बाद मनोनुकूल उपाय करें।