भारतीय पौराणिक ग्रंथों, ज्योतिष ग्रंथों व आयुर्वेदिक ग्रंथों के अनुसार ग्रहों व नक्षत्रों से संबंधित पौधों का रोपण व पूजन करने से मानव का कल्याण होता है। आम लोगों को इन वृक्षों के वैज्ञानिक, आध्यात्मिक, ज्योतिषीय व आयुर्वेदिक महत्व के बारे में पता होना चाहिए, जिससे प्रकृति पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिले।
नक्षत्र वाटिका में लगाए गए अन्य पेड़-पौधे मौलश्री, कटहल, आम, नीम, चिचिड़ा, खैर, गूलर, बेल आदि पौधे विभिन्न प्रकार सकारात्मक ऊर्जा के साथ ही साथ अतिसार, रक्त विकार, पीलिया, त्वचा रोग आदि रोगों में लाभकारी औषधि के रूप में प्रयोग किए जाते हैं।
अध्यात्म और ज्योतिष से जुड़े विद्वान पर्यावरण के क्षेत्र में ज्योतिष तंत्र धार्मिक अनुष्ठान के माध्यम से कार्य करता है कि वह अपने पास आए हुए जातक की कुंडली का भली-भांति अध्ययन करके, जो ग्रह या नक्षत्र निर्बल स्थिति में हैं उनसे संबंधित वृक्षों की सेवा करने, उनकी जड़ों को धारण करने की सलाह देता है क्योंकि इनमें से कुछ वृक्ष ऐसे भी हैं जिन्हें घर में लगाना संभव नहीं होता है तो ऐसे परिस्थिति में किसी मंदिर में इनका रोपण करें या जहां भी ये वृक्ष हो उनकी सेवा करें और और प्रकृति का आशीर्वाद ग्रहण करें...।