देश के लिए 15 अगस्त, बुधवार के दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लाल किले की प्राचीर से कई घोषणाएं कर सकते हैं। इसका ज्योतिषीय कारण दशम व पंचम का स्वामी उच्च का होकर सप्तम में वक्री केतु के साथ होना है। फिर वे घोषणाएं पूरी हो या न हों, यह भी ग्रहों की दशाओं पर निर्भर करता। इसके अनुसार वाणी भाव के कारक ग्रह सूर्य लग्न में समराशि के हैं और स्वर भाव के स्वामी बुध वक्री है।
कला व सौन्दर्य का कारक शुक्र नीचगत होकर तृतीय भाव में चन्द्र के साथ है। चन्द्र कन्या राशि में होने से देश में अभी बलात्कार रुकना संभव नहीं है। इसके लिए सख्त कानून होने के बावजूद कोई फर्क नहीं आ रहा, जिसका मुख्य कारण गुरु का शुक्र की राशि तुला में होना है।
लग्न में कर्कगत राहु मन को मलीन करने की वजह बना है, इसलिए भी अत्याचार रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। चन्द्र मन के साथ स्त्री का कारक भी है। 12 अक्टूबर से गुरु अपने मित्र मंगल की राशि वृश्चिक में जाएंगे इससे बदलाव दिखने लगेगा। भाग्य नवम पर शुक्र की दृष्टि से आर्थिक मामलों में कुछ राहत मिलेगी।