अर्थात:- पंचक में तिनकों और काष्ठों के संग्रह से अग्निभय, चोरभय, रोगभय, राजभय एवं धनहानि संभव है।
क्यों कहा जाता है चोर पंचक : रविवार को पड़ने वाला पंचक रोग पंचक, सोमवार को पड़ने वाला पंचक राज पंचक, मंगलवार को पड़ने वाला अग्नि पंचक, शुक्रवार को पड़ने वाला चोर पंचक, शनिवार को पड़ने वाला मृत्यु पंचक कहलाता है। बुधवार और गुरुवार को पड़ने वाले पंचक पंचक के शुभ अशुभ नहीं माना जाता।
चोर पंचम में कौन से कार्य नहीं करें :
1. चोर पंचक में धन से जुड़े और लेनदेन के कार्य नहीं करने चाहिए।
2. इस पंचक में व्यापार या अन्य किसी भी प्राकर के लेन-देन से बचना चाहिए।
3. ज्योतिष के अनुसार, इस पंचक में यात्रा करने की मनाही है।
4. इस पंचक में किसी भी तरह के सौदे या रुपयों के लेन देने से बचें।
नोट : मना किए गए कार्य करने से धन हानि या चोरी होने की संभावना बढ़ जाती है।
पंचक में नहीं करते हैं ये पांच कार्य :
1.लकड़ी एकत्र करना या खरीदना,
2. मकान पर छत डलवाना,