उत्तर भारत में रक्षा बंधन वाले दिन अर्थात श्रावण माह की पूर्णिमा को राखी का त्योहार मनाया जाता है, जबकि दक्षिण भारत में समुद्री क्षेत्रों में नारियल पूर्णिमा का त्योहार मनाया जाता है। इसे नारली पूर्णिमा (Narali Purnima) भी कहते हैं। यह त्योहार कई जगह श्रावण मास के द्वितीय के दिन से ही प्रारंभ होकर पूर्णिमा के दिन समाप्त होता है। 22 अगस्त 2021 को पूर्णिमा है।
इंद्र, वरुण और समुद्र देव की पूजा : इस दिन रक्षा सूत्र बांधने के अलावा समुद्र देवता की पूजा की जाती है। नारियल पूर्णिमा खासकर सभी मछुआरों का त्योहार होता है। मछुआरे भी मछली पकड़ने की शुरुआत इसी दिन से भगवान इंद्र और वरुण की पूजा करने के बाद करते हैं। यह इस दिन वर्षा के देवता इंद्र और समुद्र के देवता वरुण देव की पूजा की जाती है।
4. दक्षिण भारत में यह त्योहार समाज का हर वर्ग अपने अपने तरीके से मनाता है।
5. इस दिन जनेऊ धारण करने वाले अपनी जनेऊ बदलते हैं। इस कारण इस त्योहार को अबित्तम भी कहा जाता है। इसे श्रावणी या ऋषि तर्पण भी कहते हैं।