इस बार दिवाली पर आप करें परंपरागत ऐसे उपाय जिन्हें करने से आप कर्ज से आपको कर्ज से मुक्ति मिल सकती है और धन संबंधी समस्या का समाधन हो सकता है। दीपावली को माता लक्ष्मी को कमल का फूल चढ़ाया जाता है और घर में नई झाड़ू लाई जाती है साथ ही एक झाड़ू मंदिर में भी दान की जाती है।...तो आजमाएं ये 10 उपाय।
1. चांदी का ठोस हाथी : विष्णु तथा लक्ष्मी को हाथी प्रिय रहा है इसीलिए घर में ठोस चांदी या सोने का हाथी रखना चाहिए। ठोस चांदी के हाथी के घर में रखे होने से शांति रहती है और यह राहू के किसी भी प्रकार के बुरे प्रभाव को होने से रोकता है।
2. कौड़ियां : पीली कौड़ी को देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। कुछ सफेद कौड़ियों को केसर या हल्दी के घोल में भिगोकर उसे लाल कपड़े में बांधकर घर में स्थित तिजोरी में रखें। ये कौड़ियां धनलक्ष्मी को आकर्षित करती हैं।
3. चांदी की गढ़वी : चांदी का एक छोटा-सा घड़ा, जिसमें 10-12 तांबे, चांदी, पीतल या कांसे के सिक्के रख सकते हैं, उसे गढ़वी कहते हैं। इसे घर की तिजोरी या किसी सुरक्षित स्थान पर रखने से धन और समृद्धि बढ़ती है। दीपावली पूजन में इसकी भी पूजा होती है।
4. मंगल कलश : एक कांस्य या ताम्र कलश में जल भरकर उसमें कुछ आम के पत्ते डालकर उसके मुख पर नारियल रखा होता है। कलश पर रोली, स्वस्तिक का चिन्ह बनाकर उसके गले पर मौली बांधी जाती है।
5.सात मुखी दीपक : माता लक्ष्मी की कृपा हमेशा घर पर बनी रहे, इसके लिए हमें उनके समक्ष सात मुख वाला दीपक जलाना चाहिए। दीपक में घी होना चाहिए। दीपावली पर यह कार्य अवश्य कीजिए। यह भी कहा जाता है कि लक्ष्मी माता की मूर्ति के सामने नौ बाती वाली घी का दीपक जलाने से जल्दी धन लाभ मिलता है और आर्थिक मामले में उन्नति होती है।
6.रंगोली : वर्तमान में रंगोली का प्रचलन सबसे अधिक है, लेकिन पुरानी परंपरानुसार आज भी आंतरिक इलाकों में मांडने बनाए जाते हैं। द्वार, देहरी, चौक और माता लक्ष्मी के पूजा स्थल के पास रंगोली अवश्य बनाएं।
7.दीपक : दीपावली की रात को घर में और घर के आसपास खास जगहों पर दीपक जलाकर रखे जाते हैं। कहते हैं कि दीपावली की रात को देवालय में गाय के दूध का शुद्ध घी का दीपक जलाना चाहिए। इससे तुरंत ही कर्ज से छुटकारा मिलता है और आर्थिक तंगी दूर हो जाती है। दीपावली की रात को दूसरा दिया लक्ष्मी पूजा के दौरान जलाएं। तीसरा दिया तुलसी के पास, चौथा दिया दरवाजे के बाहर, पांचवां दिया पीपल के पेड़ के नीचे, छठा दिया पास के किसी मंदिर में, सातवां कचरा रखने वाले स्थान पर, आठवां बाथरूम में, नौवां मुंडेर पर, दसवां दिवारों पर, ग्यारहां खिड़की, बारहवां छत पर और तेरहावं किसी चौराहे पर। दीपावली पर कुल देवी या देवता, यम और पितरों के लिए भी दीपक जलाए जाते हैं।
8.लक्ष्मी भोग : लक्ष्मीजी को मखाना, सिंघाड़ा, बताशे, ईख, हलुआ, खीर, अनार, पान, सफेद और पीले रंग के मिष्ठान्न, केसर-भात आदि पसंद हैं। कम से कम 11 शुक्रवार को जो कोई भी व्यक्ति एक लाल फूल अर्पित कर लक्ष्मीजी के मंदिर में उन्हें यह भोग लगाता है तो उसके घर में हर तरह की शांति और समृद्धि रहती है। किसी भी प्रकार से धन की कमी नहीं रहती। पूजन के दौरान 16 प्रकार की गुजिया, पपड़ियां, अनर्सा, लड्डू चढ़ाएं जाते हैं। आह्वान में पुलहरा चढ़ाया जाता है। इसके बाद चावल, बादाम, पिस्ता, छुआरा, हल्दी, सुपारी, गेंहूं, नारियल अर्पित करते हैं। केवड़े के फूल और आम्रबेल का भोग अर्पित करते हैं।
9. मंत्र : कई लोग दीपावली पर लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए निम्न मंत्र का जाप करते हैं :-
इस मंत्र को 108 बार पढ़कर गुगल गोरोचन छाल-छबीला कपूर काचरी, चंदन चूरा आदि सामग्री मिलाकर लक्ष्मी को प्रसन्न किया जाता है।
10.पूजन थाली : देवी लक्ष्मी की पूजा के समय गोमती चक्र को पूजा की थाली में रखकर मां की पूजा करें। पूजा के बाद गोमती चक्र को तिजोरी में रखें धन बढ़ेगा। इसी प्रकार हल्दी की गांठ, पीली कौड़ियां और एकाक्षी नारियल, भी पूजन की थाली में रखकर पूजा करें और बाद में उसे तिरोजी में रख लें।