- जन्मपत्रिका के छठे भाव से शत्रुता का विचार किया जाता है। यदि किसी जातक की जन्मपत्रिका में छ्ठे भाव का अधिपति शुभ भाव में अथवा लाभ भाव में स्थित हो व छ्ठे भाव में शुभ ग्रह स्थित हों या छठे भाव पर शुभ ग्रहों का प्रभाव हो तो ऐसे जातक के शत्रु अधिक होते हैं। जीवन पर्यंत उनकी किसी ना किसी से शत्रुता बनी ही रहती है।