गंगा सप्तमी विशेष : Ganga Saptami के ये खास 8 उपाय करेंगे समस्त पापों का नाश, देंगे मोक्ष

Ganga Saptami 
 
पौराणिक शास्त्रों में उल्लेख है कि वैशाख शुक्ल सप्तमी के दिन मां गंगा स्वर्गलोक से भगवान शिव की जटाओं में पहुंची थी इसलिए इस दिन को गंगा सप्तमी, गंगा जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस दिन मां गंगा का पूजन किया जाता है। 
 
इस दिन गंगा जी की उत्पत्ति हुई थी। अत: वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गंगा सप्तमी कहा जाता है। इस वर्ष ये तिथि 30 अप्रैल 2020 को मनाई जा रही है। गंगा नदी हिन्दुओं की आस्था का केंद्र है और अनेक धर्मग्रंथों में गंगा महत्व का वर्णन देखने को मिलता है। अत: गंगा सप्तमी के दिन निम्न उपाय करने से मनुष्य के पापों का क्षय होता है तथा मोक्ष की प्राप्ति होती है।
 
गंगा सप्तमी के खास उपाय- 
 
* वैसे तो गंगा स्नान का अपना अलग ही महत्व है, लेकिन वैशाख शुक्ल सप्तमी के दिन गंगा स्नान करने से मनुष्य सभी दुखों से मुक्ति पा जाता है। 
 
* इस दिन पुण्यदायी कार्य करने से सभी पापों का क्षय होता है। 
 
* इस दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व है अत: इस तिथि पर गंगा स्नान, तप ध्यान तथा दान-पुण्य करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। 
 
* मान्यता है कि इस दिन गंगा पूजन से मांगलिक दोष से ग्रसित जातकों को विशेष लाभ प्राप्त होता है। विधि-विधान से किए गए गंगा का पूजन अमोघ फल प्रदान करता है।
 
* कहा जाता है कि गंगा नदी में स्नान करने से दस पापों का हरण होकर अंत में मुक्ति मिलती है। 
 
* गंगा सप्तमी के पर्व पर मां गंगा में डुबकी लगाने से मनुष्य के सभी पाप धुल जाते हैं। 
 
* इस पर्व के लिए गंगा मंदिरों सहित अन्य मंदिरों पर भी विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। 
 
* गंगा सप्तमी के दिन गंगा पूजन एवं स्नान से रिद्धि-सिद्धि, यश-सम्मान की प्राप्ति होती है।
 
जीवनदायिनी गंगा में स्नान, पुण्यसलिला नर्मदा के दर्शन और मोक्षदायिनी शिप्रा के स्मरण मात्र से मोक्ष मिल जाता है। 

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