14 जनवरी को जहां सूर्यदेव मकर राशि (Makar Rashi) में गोचर करेंगे, वहीं शनिदेव (Shanidev) यहां पहले से ही विराजमान हैं। ज्योतिष के अनुसार 14 जनवरी को सूर्य और शनि ग्रह का मकर राशि में होना एक बड़ा ही दुर्लभ संयोग बन रहा है और यह संयोग करीब 29 साल बाद अब बन रहा है। इससे पूर्व यह संयोग सन् 1993 में बना था। उस समय भी शनिदेव और सूर्यदेव एक साथ मकर राशि में विराजमान थे।
खास संयोग : पौष माह में मकर संक्रांति के दिन शुक्ल के बाद ब्रह्म योग रहेगा। साथ ही आनन्दादि योग में मनेगी मकर संक्रांति। इस दिन रोहिणी नक्षत्र रहेगा। इस बार मकर संक्रांति शुक्रवार युक्त होने के कारण मिश्रिता है।