मुहूर्त का ज्योतिष शास्त्र में स्थान एवं जनसामान्य में इसकी महत्ता विशिष्ट है। पुष्य नक्षत्र को शुभतम माना गया है। जब यह नक्षत्र सोमवार, गुरुवार या रविवार को आता है, तो एक विशेष वार नक्षत्र योग निर्मित होता है। जिसका संधिकाल में सभी प्रकार का शुभ फल सुनिश्चित हो जाता है।
व्यापार का मूल आधार हिसाब-किताब (जो बही, डायरी, सीडी, फ्लापी, कॉपी, रजिस्टर, कम्प्यूटर में रखा जाता है) को इस दिन क्रय करने से वर्षपर्यंत व्यापार में प्रगति व विवादहीनता की स्थिति बनती है।