ब्रह्म मुहूर्त में पूजा श्रेष्ठ : हनुमानजी की पूजा-अर्चना ब्रह्म मुहूर्त में ही होकर अभिषेक-पूजन के बाद पट बंद होंगे, उसके बाद भजन-कीर्तन, प्रवचन आदि धार्मिक कार्य चलते रहेंगे। शाम को 7.15 बजे ग्रहण मोक्ष के बाद शुद्धिकरण के पश्चात ही मंदिरों के कपाट खुलेंगे।