Vrishabha sankranti सूर्य की 12 संक्रांतियां होती हैं। सूर्य एक राशि में एक माह रहता है। सूर्य के राशि परिवर्तन को संक्रांति कहते हैं। मकर संक्रांति, मेष संक्रांति, मिथुन संक्रांति, धनु संक्रांति और कर्क संक्रांति का खास महत्व माना गया है। जानिए कि वृषभ संक्रांति कब है और क्या है इसका महत्व।
वृषभ संक्रान्ति पुण्य काल- सुबह 10:50 से शाम 06:04 तक।
वृषभ संक्रान्ति महा पुण्य काल- दोपहर 03:49 से शाम 06:04 तक।
वृषभ संक्रांति 2024 का फल: संसार में तनाव और संघर्ष बढ़ेगा। क्रूर, पापी, भ्रष्ट और अपराधियों का मनोबल बढ़ेगा। महंगाई बढ़ सकती है। लोग खांसी से पीड़ित होंगे और एक माह बारिश का अभाव रह सकता है। यानी 14 जून तक बारिश की संभावना नहीं है।