1. प्रात: काल स्नान के उपरांत सफेद वस्त्र धारण कर कुश उखाड़ें।
2. कुश उखाड़ते समय अपना मुख उत्तर या पूर्व की ओर रखें।
3. सर्वप्रथम 'ॐ' बोलकर कुश का स्पर्श करें। फ़िर निम्न मंत्र पढ़कर प्रार्थना करें-
'विरंचिना सहोत्पन्न परमेष्ठिनिसर्जन।
नुद सर्वाणि पापानि दर्भ! स्वस्तिकरो भव॥'
4. तत्पश्चात् हथेली और अंगुलियों के द्वारा मुट्ठी बनाकर एक झटके से कुश उखाड़ें। कुश को एक बार में ही उखाड़ना चाहिए। अत: पहले उसे लकड़ी के नुकीले टुकड़े से ढीला कर लें, लोहे का स्पर्श ना करावें।