एकाक्षी नारियल, नारियल का एक प्रकार है, लेकिन इसका प्रयोग अधिकांश रूप से तंत्र प्रयोगों में किया जाता है। इसके ऊपर आंख के समान एक चिन्ह होता है। इसलिए इसे एकाक्षी (एक आंख वाला) नारियल कहा जाता है। इसे धन स्थान पर रखा जाता है।
1. सबसे पहले स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें।
2. पुष्य नक्षत्र के दिन शुभ मुर्हूत में अपने सामने थाली में चंदन या कुंकुम से अष्ट दल बनाकर उस पर इस नारियल को रख दें और अगरबत्ती व दीपक लगा दें।
3. शुद्ध जल से स्नान कराकर इस नारियल पर पुष्प, चावल, फल, प्रसाद आदि रखें।
4. लाल रेशमी वस्त्र ओढ़ाएं। इसके बाद आधा मीटर लंबा रेशमी वस्त्र बिछाकर उस पर केसर से यह मंत्र लिखें-
मंत्र- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं एकाक्षिनालिकेराय नम:।
6. इसके बाद गुलाब की पंखुडियां हटाकर उस रेशमी वस्त्र में नारियल को लपेटकर थाली में चावलों की ढेरी पर रख दें और इस मंत्र की 1 माला जपें-
7. अगले दिन से दीपावली तक रोज 21 गुलाब से पूजा करें और उस रेशमी वस्त्र में लिपटे हुए नारियल को पूजा स्थान पर रख दें। इस प्रकार एकाक्षी नारियल को घर में स्थापित करने से अपार, असीम और स्थिर धन लाभ होता है।