06 जुलाई को होगा देवशयन:
हमारे सनातन धर्म में देवशयन को अति-महत्त्वपूर्ण माना जाता है। इसे चातुर्मास भी कहा जाता है। देवशयन की अवधि में विवाह विशेष रूप से वर्जित रहता है। गुरु तारे के उदित होते ही आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी (देवशयनी एकादशी), दिनांक 06 जुलाई 2025, दिन रविवार को देवशयन हो जाएगा। अत: उपर्युक्त 12 जून 2025 को गुरु के अस्त होते ही लगभग पांच माह के लिए शुभ एवं मांगलिक कार्यों पर विराम रहेगा, जो देवउठनी एकादशी तक जारी रहेगा।