(3) रुक्मणि मंगल, पार्वती मंगल यदि मांगलिक हैं तो मंगला गौरी व्रत, वट सावित्री व्रत, मंगल शांति, मंगल चण्डिका के जप करें या कराएं।
देहि सौभाग्यं, आरोग्यं देहि मे परमं सुखम्,
रूपं देहि जयं देहि, यशो देहि, द्विषो जहि।।
नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नम:।।
कन्या के रहने का कमरा या सोने का स्थान नैऋत्य कोण में हो तो तुरंत हटाएं। वायव्य दिशा में रखें।