माता लक्ष्मी को मिश्री बहुत पसंद है। माता की विधिवत पूजा करने उन्हें बताशे, हलुआ और खीर के साथ ही मिश्री का भोग लगाए। प्रसाद के रूप में सभी को मिश्री वितरित करें। इससे न सिर्फ आपकी मनोकामना पूर्ण होगी बल्कि मां लक्ष्मी का आशीर्वाद भी बना रहेगा। घर में किसी भी प्रकार से आर्थिक तंगी नहीं रहेगी। यदि आप नौकरी में किसी भी प्रकार की समस्या झेल रहे हैं तो मिश्री का भोग लगाकर उसे प्रसाद रूप में वितरण करने से सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं।
यदि आप शनि के बुरे प्रभाव से परेशान हैं, तो प्रत्येक शनिवार के दिन शनि मंदिर में जाकर भगवान शनि की पूजा करने के बाद मिश्री के दाने को चीटियों को खिलाना चाहिए। मान्यता के अनुसार इस उपाय को करने से शनि दोष से भी राहत मिलती है और आर्थिक तंगी दूर होती है।
खील यानी धान मूलत: धान (चावल) का ही एक रूप है। खील चावल से बनते हैं। भोग के रूप में माता लक्ष्मी को खील के साथ बताशे चढ़ाए जाते हैं। शुक्र ग्रह की देवी मां लक्ष्मी और कालिका हैं। धन-वैभव का दाता शुक्र ग्रह माना गया है। शुक्र ग्रह का प्रमुख धान्य धान ही होता है। शुक्र को प्रसन्न करने के लिए हम लक्ष्मी माता को खील-बताशे का प्रसाद चढ़ाते हैं। इससे अपार धन की प्राप्ति होती है।