mercury transit in cancer : बुध का कर्क राशि में प्रवेश, बनेगा 'बुधादित्य योग'

2 अगस्त 2020 को प्रात:काल (पंचांग अनुसार 1 अगस्त 2020) को बुध गोचरवश अपनी कर्क राशि में प्रवेश करेंगे। कर्क राशि में सूर्य पूर्व से ही विद्यमान है जिसके फलस्वरूप कर्क राशि में अत्यंत शुभ 'बुधादित्य योग' का निर्माण होगा। बुध को ज्योतिष शास्त्र में राजकुमार की पदवी हासिल है।

बुध वाणी का नैसर्गिक कारक होता है, अत: वाणी संबंधित कार्य करने वाले व्यक्ति जैसे पत्रकार, कथावाचक, राजनीतिक, शिक्षक आदि इस गोचर से विशेष रूप से प्रभावित होंगे। 2 अगस्त 2020 को बुध के कर्क राशि में प्रवेश के साथ बनने वाले 'बुधादित्य-योग' का समस्त 12 राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा आइए जानते हैं-
 
1. मेष- मेष राशि वाले जातकों को बुध के गोचर अनुसार माता को सुख प्राप्त होगा। धन लाभ होगा। वाहन सुख प्राप्त होगा। संपत्ति से लाभ की प्राप्ति होगी। पारिवारिक सुख प्राप्त होगा। जन सहयोग मिलेगा। वाणी आधारित कार्यों से लाभ होगा। 
 
2. वृष- वृष राशि वाले जातकों को बुध के गोचर अनुसार साहस-पराक्रम में कमी महसूस होगी। धन हानि होगी। बंधु-बांधवों से विवाद होगा। वाणी संबंधित कार्यों से हानि होगी। कटु वचन के कारण अपमान सहना होगा। ब्याज पर दिया धन डूबने की संभावना है।
 
3. मिथुन- मिथुन राशि वाले जातकों को बुध के गोचर अनुसार धन लाभ होगा। वाणी आधारित कार्यों में विशेष लाभ होगा। विद्यार्थी वर्ग को विद्याध्ययन में सफलता प्राप्त होंगी। संबंधियों से लाभ होगा। उत्तम पारिवारिक सुख की प्राप्ति होगी। प्रशासनिक अधिकारियों की पदोन्नति के योग बनेंगे।
 
4. कर्क- कर्क राशि वाले जातकों को बुध के गोचर अनुसार धनहानि के योग हैं। कटु वचनों के कारण विवाद होगा। रिश्तेदारों को हानि पहुंचेगी। बंधन का भय होगा। पारिवारिक सुख में कमी होगी। दाहिने नेत्र में विकार होने से कष्ट की संभावना है।
 
5. सिंह- सिंह राशि वाले जातकों को बुध के गोचर अनुसार मन चिंतित रहेगा। धन हानि होगी। सुख में कमी होगी। शत्रुओं के कारण हानि होगी। कार्यों में असफलता प्राप्त होगी। विवाद के कारण अशांति रहेगी। विद्यार्थियों को विद्याध्ययन में बाधाएं आएंगी। संबंधियों से विवाद होगा। 
 
6. कन्या- कन्या राशि वाले जातकों को बुध के गोचर अनुसार शुभ कार्यों में रूचि बढ़ेगी। धन लाभ होगा। स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। संतान सुख प्राप्त होगा। वाणी आधारित कार्यों में विशेष सफलता प्राप्त होगी। विद्यार्थी वर्ग को परीक्षा में सफलता प्राप्त होगी। पठन-पाठन में रूचि होगी। पारिवारिक सुख प्राप्त होगा। मन प्रसन्न रहेगा। 
 
7. तुला- तुला राशि वाले जातकों को बुध के गोचर अनुसार नए पद की प्राप्ति होगी। शत्रुओं पर विजय मिलेगी। व्यवसाय में लाभ होगा। मानसिक शांति व सुख प्राप्त होगा। कार्यों में सफलता प्राप्त होगी।
 
8. वृश्चिक- वृश्चिक राशि वाले जातकों को बुध के गोचर अनुसार कार्यों में विघ्न-बाधाएं आएंगी। यात्रा में कष्ट होगा। यात्रा सफल नहीं होगी। संबंधियों से विवाद व वैमनस्य होगा। धार्मिक कार्यों में अरुचि होगी। धन संबंधी कार्यों में अवरोध आएगा। धनहानि के योग बनेंगे।
 
9. धनु- धनु राशि वाले जातकों को बुध के गोचर अनुसार धन लाभ होगा। शत्रु परास्त होंगे। मन प्रसन्न रहेगा। कार्यों में सफलता मिलेगी। मानसिक शांति व सुख प्राप्त होगा। उत्तम पारिवारिक सुख प्राप्त होगा। विद्यार्थी वर्ग की पठन-पाठन में रूचि होगी। प्रतियोगी परीक्षाओं अच्छी सफलता के योग हैं। धार्मिक कार्यों में रूचि होगी। बटुक वर्ग को विशेष लाभ होगा।
 
10. मकर- मकर राशि वाले जातकों को बुध के गोचर अनुसार जीवनसाथी से विवाद होगा। मित्रों व संबंधियों से अनबन होगी। व्यवसाय में हानि व धन नाश होगा। यात्राएं कष्टप्रद व असफल रहेगीं। मानसिक चिंता रहेगी। 
 
11. कुंभ- कुंभ राशि वाले जातकों को बुध के गोचर अनुसार धर्मशास्त्रों में रुचि बढ़ेगी। आर्थिक लाभ होगा। शत्रुओं पर विजय प्राप्त होगी। मानसिक सुख मिलेगा। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। पारिवारिक सुख की प्राप्ति होगी। मन आनंदित रहेगा। धार्मिक स्थल की यात्रा होगी। देवदर्शन के अवसर प्राप्त होंगे।
 
12. मीन- मीन राशि वाले जातकों को बुध के गोचर अनुसार मानसिक अवसाद के कारण कष्ट होगा। कार्यों में असफलता प्राप्त होगी। जीवनसाथी व संतान से विवाद होगा। आर्थिक हानि होगी। प्रेम संबंध असफल होंगे।
 
बुध के अशुभ प्रभाव को कम करने हेतु उपयोगी उपाय-
 
1. बुधवार के दिन बुध का दान करें। 
(दान सामग्री- हरा वस्त्र, साबुत मूंग, हरे फल, कांसा, गजदंत, घी, पन्ना आदि)
 
2. बुधवार के दिन किन्नरों को हरी चूड़ियां दान करें।
 
3. बुधवार के दिन तोते को पिंजरे से मुक्त करें।
 
4. किसी बटुक या विद्यार्थी को धर्मशास्त्र की पढ़ाई हेतु पुस्तक प्रदान करें।
 
5. 250 ग्राम साबुत मूंग बहते जल में प्रवाहित करें।
 
(विशेष- उपर्युक्त विश्लेषण ग्रह-गोचर की गणना पर आधारित है। जन्मपत्रिका में ग्रहस्थिति एवं दशाओं के कारण इसमें परिवर्तन संभव है।)
 
*ध्यानाकर्षण- पंचांग के अनुसार 1 दिन की गणना सूर्योदय से सूर्योदय की अवधि के आधार पर की जाती है।
 
ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र
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