हर साल चैत्र और वैशाख मास में गर्मी धीरे-धीरे बढ़ती है और ज्येष्ठ में चरम पर आ जाती है।
इसी माह में शनिवार, 25 मई से नौतपा शुरू हुआ और 3 जून को समाप्त होने जा रहा है। नौतपा मुख्य रूप से मॉनसून की भविष्यवाणी करता है। अगर नौतपा खूब तपता है तो उस साल खूब जमकर बारिश होती है लेकिन अगर नौतपा में बारिश हो जाए (जिसे रोहिणी गलना कहते हैं) तो उस वर्ष भीषण जलसंकट होता है।
लेकिन इस बार के नौतपा में जानकारों को कुछ समझ नहीं आया, भविष्यवाणियां इन दिनों के खूब तपने की थी पर वास्तव में ऐसी कोई गर्मी नहीं पड़ी जिसे नौतपा की गर्मी कहा जाए और तो और ना आंधी, तूफान, ना पानी.. ऐसे में रोहिणी भी नहीं गली... अब सवाल यह है कि इस स्थिति में मॉनसून को लेकर क्या भविष्यवाणी की जाए...