आइए बात करते हैं मूलांक 3 की, इस मूलांक का स्वामी देव गुरु बृहस्पति है। इस मूलांक वाले आध्यात्मिक प्रकृति के जीवन में अपने खुद के प्रयासों से उच्च पद पर पहुंचते हैं। यह गंभीर प्रकृति के होते हैं पर इनके व्यवहार में लापरवाही झलकती है। इसलिए लोग इन पर आसानी से विश्वास नहीं कर पाते इन्हें अपने बीते हुए समय से दूर रहना चाहिए और आगे की तरफ देखना चाहिए नहीं तो यह जीवन में अनजाने में ही अपने दुखों को न्योता दे देते हैं।
सहयोगी प्रकृति के होते हैं कभी-कभी जल्दबाजी में यह थोड़े से लाभ के लिए बड़े अवसरों को गंवा देते हैं। ऐसे जातक जिद्दी होते हैं इसीलिए यह किसी काम को अगर शुरू करते हैं तो पूरा कर कर ही छोड़ते हैं। किसी भी महीने की 3 तारीख 12, 21 और 30 तारीख को जन्म लिए हुए जातक का मूलांक 3 होगा। लेकिन 12 वाले जातकों में चंद्र-सूर्य और गुरु का प्रभाव मिलेगा वहीं 21 में भी यही स्थिति रहेगी। क्योंकि 1 अंक सूर्य का है, 2 अंक चंद्र का है जबकि जो जोड़ निकलेगा 3 वह गुरु का है। यानी 12 जन्म दिनांक वाले सूर्य, चंद्र फिर गुरु और 21 वाले पहले चंद्र, सूर्य और फिर गुरु के असर वाले देखे गए हैं।
3 और 30 वाले ज्यादातर लगभग समान होते हैं। 3 मूलांक वालों का पूर्वार्ध संघर्ष में देखा गया है। उत्तरार्ध में इनकी काफी आर्थिक उन्नति होती है। परिश्रमी होते हैं। इन्हें पीले रंग का अधिक उपयोग करना चाहिए। गले में हमेशा सोना धारण करना चाहिए। गुरु का प्रभाव होने की वजह से इन्हें हमेशा ध्यान रखना चाहिए की यह बुरी आदतों से बचें अन्यथा परेशानी होगी।
ज्योतिषाचार्य हंसा केवलिया पंडित विगत 30 वर्षों से टैरो कार्ड, न्यूमरोलॉजी, ज्योतिष और वास्तु के क्षेत्र में कार्यरत हैं। अपने लंबे अनुभव के आधार पर समस्या का समाधान करती हैं। कई सम्मान से नवाजी जा चुकी हैं।