जब भी शनि, राहु अपनी राशि परिवर्तित करते हैं तो विश्व में इसके प्रभाव दृष्टिगोचर होते हैं। आने वाली 6 मार्च को राहु अपनी राशि परिवर्तन कर मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे। राहु सदैव वक्री रहते हैं। भारत की राशि अनुसार राहु का यह राशि परिवर्तन रिपुभाव अर्थात् शत्रु स्थान में होने जा रहा है।
भारत की कार्रवाई से शत्रुओं को भारी हानि होने के संकेत हैं। राहु के राशि परिवर्तन से आने वाले डेढ़ वर्ष भारत के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण है। सत्ता में उलटफ़ेर होने की भी संभावनाएं हैं। भारत-पाक संबंधों के लिए राहु का राशि परिवर्तन एक अहम मोड़ साबित होगा। राहु की गोचरवश स्थिति से भारत अपने शत्रुओं पर प्रभावी कार्रवाई करने में सफल रहेगा।