अष्टमी के दिन श्रीकृष्ण की बाल सहचरी, जगजननी भगवती शक्ति राधाजी का जन्म हुआ था। राधा के बिना श्रीकृष्ण का व्यक्तित्व अपूर्ण है। यदि श्रीकृष्ण के साथ से राधा को हटा दिया जाए तो श्रीकृष्ण का व्यक्तित्व माधुर्यहीन हो जाता। राधा के ही कारण श्रीकृष्ण रासेश्वर हैं। आइए जानें :-
* कलश पर तांबे का पात्र रखें।
* अब इस पात्र पर वस्त्राभूषण से सुसज्जित राधाजी की सोने (संभव हो तो) की मूर्ति स्थापित करें।
* ध्यान रहे कि पूजा का समय ठीक मध्याह्न का होना चाहिए।
* पूजन पश्चात पूरा उपवास करें अथवा एक समय भोजन करें।