राम रक्षा स्तोत्र से होते हैं जीवन में ये 10 बदलाव, कवच है ये पूरी देह का
श्री राम रक्षा स्तोत्र एक बहुत ही शक्तिशाली और चमत्कारी प्रार्थना है। बुध कौशिक ऋषि (Budh koushik Rishi) द्वारा रचित श्री राम रक्षा स्तोत्र का पाठ (ram raksha stotra) प्रभु श्री राम का स्तुति गान है। इसमें प्रभु श्री राम के अनेक नामों का गुणगान किया है। राम रक्षा स्त्रोत स्वयं एक रक्षा कवच है और इसका नित्य पाठ करने से अत्यधिक लाभ और शुभ फल जल्द ही मिलने लगते हैं। आइए यहां पढ़ें संपूर्ण पाठ (Shri Ram Rakshastotram) एवं जीवन में होने वाले 10 रहस्यमयी बदलाव-
राम रक्षा स्तोत्र का पाठ-Ram Raksha Stotram
विनियोगः
अस्य श्रीरामरक्षास्तोत्रमन्त्रस्य बुधकौशिक ऋषिः। श्री सीतारामचंद्रो देवता । अनुष्टुप् छंदः। सीता शक्तिः। श्रीमान हनुमान् कीलकम् । श्री सीतारामचंद्रप्रीत्यर्थे रामरक्षास्तोत्रजपे विनियोगः ।
॥ श्री बुधकौशिकविरचितं श्रीरामरक्षास्तोत्रं सम्पूर्ण ॥
जीवन में होंगे ये 10 बदलाव-benefits of reading Rama Raksha Stotra
1. राम रक्षा स्तोत्र का नित्य पाठ करने वाले व्यक्ति के मन में सकारात्मक भाव का संचार होता है और उसके चारों और सुरक्षा का एक घेरा निर्मित हो जाता है।
2. मान्यतानुसार राम रक्षा स्तोत्र का नित्य पाठ करने से श्री हनुमान जी प्रसन्न होकर राम भक्तों की हर तरह से रक्षा करते हैं।
3. कैसे करें सिद्ध- विधिवत रूप से राम रक्षा स्त्रोत का ग्यारह बार पाठ करने के दौरान एक कटोरी में सरसों के कुछ दानें लेकर उन्हें अंगुलियों से घुमाते रहने से वह सिद्ध हो जाते हैं। उक्त दानों को घर में उचित और पवित्र स्थान पर रख दें। यह दानें कोर्ट-कचहरी जाने के दौरान, यात्रा पर जाने के दौरान या किसी एकांत में सोने के दौरान यह दानें आपकी रक्षा करेंगे।
4. कैसे करें पानी को सिद्ध- पानी को सिद्ध करने के लिए राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करते हुए तांबे के बर्तन में पानी भरकर इसे अपने हाथ में पकड़ कर रखें और अपनी दृष्टि पानी में रखें। राम रक्षा स्तोत्रम् के ग्यारह बार किए जाने वाले पाठ से पानी को भी सरसों की तरह सिद्ध किया जा सकता है। इस पानी को औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। इस पानी को रोगी को पिलाया जा सकता है। इससे ली जाने वाली औषधि का तेजी से प्रभाव होता है।
5. राम रक्षा स्तोत्रम् का नित्य पाठ करने से भगवान शिव की भी कृपा प्राप्त होती है क्योंकि इस स्त्रोत की रचना बुध कौशिक ऋषि ने भगवान शंकर के कहने पर ही की थी। भगवान शंकर ने उन्हें इस स्त्रोत की रचना की प्रेरणा स्वप्न में दी थी।
6. नित्य राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करने से मनुष्य के मन से हर तरह का भय निकल जाता है और वह निर्भिक जीवन जीता है।
7. श्रीरामरक्षास्तोत्रम् के नित्य पाठ करने से मंगल ग्रह का कुप्रभाव भी समाप्त हो जाता है।
8. इसका पाठ करने से प्रभु श्रीराम आपकी हर तरह से रक्षा करते हैं। अपने शरणागत की रक्षा करना उनका धर्म है।
9. राम रक्षा स्तोत्र का प्रतिदिन पाठ करने से व्यक्ति को दीर्घायु, संतान, शांति, विजयी, सुख और समृद्धि प्राप्त होती है।
10. जो व्यक्ति नित्य राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करता रहता है वह आने वाली कई तरह की विपत्तियों से बच जाता है।
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