ज्योतिष के हिसाब से वर्ष 2016 कन्या लग्न में शुरु हुआ, लेकिन इस वर्ष शनि का प्रभाव विशेष रूप से दिखाई दे रहा है। जिन राशियों को शनि की साढ़े साती या ढैय्या चल रही है अथवा शनि की दशा चल रही है वे इस ग्रह से विशेष रूप से प्रभावित होंगे।
जब शनि ग्रह किसी व्यक्ति की जन्मराशि से बारहवें घर में आ जाता है तो साढ़ेसाती शुरू हो जाती है। यह प्रभाव व्यक्ति की कुंडली में तब तक रहता है जब तक शनि बारहवें घर के बाद पहले तथा दूसरे को पार कर तीसरे घर में नहीं आ जाता। चूंकि शनि एक राशि में ढाई वर्ष रहता है, इसलिए तीन राशियों से गुजरने के कारण शनि की यह दशा कुल साढ़े सात वर्ष रहती है जिसके आधार पर ही इसे साढ़ेसाती कहा जाता है।
भारतीय ज्योतिष के अनुसार शनिदेव नए वर्ष में वृश्चिक राशि में रहेंगे। ऐसे में तुला, वृश्चिक तथा धनु राशि पर शनि की साढ़ेसाती रहेगी। इनमें से तुला राशि के लिए यह साढ़ेसाती का अंतिम चरण चल रहा है जो वर्ष 2017 में हट जाएगी। इसके साथ ही मेष तथा सिंह राशि पर शनि की ढैय्या का प्रभाव रहेगा। साढ़े साती का प्रभाव आपकी कुंडली में शनि की स्थिति और लग्न पर भी निर्भर करता है।