3. अपने कर्म को रखें शुद्ध, ब्याज का धंधा न करें, पराई स्त्री के बारे में बुरा न सोचें और शराब न पिएं।
7. अपने घर की वायव्य दिशा को साफ सुथरा रखें। वहां पर किसी भी प्रकार का वास्तु दोष नहीं होना चाहिए। जूते और मोजे उचित स्थान पर रखें और ध्यान रखें कि जूते और मोजे गंदे या फटे ना हों। कर्म और पेट हमेशा साफ रखें और हमेशा अपंग, गरीब और सफाईकर्मियों को भोजन कराते रहें। उपरोक्त के अलावा आप चाहें तो छाया दान, कौवे और कुत्ते को रोटी खिलाने का कार्य भी कर सकते हैं।