Shani ki rashi : ज्योतिष मान्यता के अनुसार यूं तो 5 ऐसी राशियां हैं जिन पर शनिदेव की कृपा बनी रहती है परंतु इनमें से 3 राशियां ऐसी है जिन पर शनि की शनि की ढैया, साढ़ेसाती और महादशा का बुरा प्रभाव तब तक नहीं होता जब तक की जातक धर्मपरायण बना हुआ है। आओ जानते हैं कि शनि की वे तीन राशियां कौनसी हैं।
शनि की कृपा प्राप्त 5 राशियां : 1.वृषभ, 2.कर्क, 3.तुला, 4.मकर और 5.कुंभ।
शनि की महादशा, साढ़ेसाती, ढैया का प्रभाव नहीं होता है इन 3 राशियों पर:
1. तुला राशि: शनिदेव शुक्र की राशि तुला राशि में उच्चे के होते हैं। इसलिए शनिदेव तुला के जातकों को अधिक कष्ट नहीं देते हैं। तुला राशि के लोग मेहनती, ईमानदार और प्रतिभावान होते हैं। तुला पर शुक्र के साथ ही शनिदेव की कृपा भी बनी रहती है। यदि ये लोग किसी से छल कपट न रखें तो जीवन में संघर्ष करने की इन्हें कोई जरूरत नहीं। भाग्य का भरपूर सहयोग मिलेगा।
2. मकर राशि: मकर राशि शनि की खुद की राशि है। इसीलिए शनिदेव की मकर राशि वालों पर कृपा बनी रहती है। इन लोगों के सामने अवसरों की भरमार रहती है। भाग्य का पूरा साथ मिलता है। ये आसानी से हार नहीं मानते हैं और जीवन में हर क्षेत्र में सफल होते हैं। मकर राशि के जातकों को शनि देव का प्रकोप जल्दी से प्रभावित नहीं करता है।
3. कुंभ राशि: कुंभ राशि शनिदेव की खुद की राशि होने के साथ ही मूल त्रिकोण राशि भी है। इस राशि के लोग न्यायप्रिय और नेतृत्व में अग्रिण होते हैं। धैर्य और ईमानदारी के साथ ये संकट से निपटना भी जानते हैं। इन्हें कभी भी आर्थिक संकट का सामना नहीं करना पड़ता है। इस राशि के जातकों पर शनि के अशुभ प्रभाव ज्यादा असर नहीं होता है। शनिदेव की इन पर हमेशा कृपा बनी रहती है।
कुंडली के भाव : इसी के साथ ही जिन जातकों की कुंडली में शनि 3रे, 6ठे, 8वें और 12वें भाव में उच्च अवस्था में मौजूद होते हैं, तो ऐसे जातकों को भी शनि महादशा, साढ़ेसाती या ढैया प्रभावित नहीं करती है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा बलवान है तो ब भी शनि का नकारात्मक प्रभाव जातक पर नहीं होता है।