पूजन में दूब घास रखें और पीले रंग का मिष्ठान गणेश जी को जरूर भोग लगाएं।
पूजन के बाद व्रती को फल का आहार करना चाहिए।
संध्या समय में भी भगवान गणेश और मां गौरी का पूजन करना चाहिए।
जब व्रत रखें तो सूर्य अस्त से पहले मीठा खाकर उपवास तोड़ें।
'ॐ सिद्धि बुद्धि सहित महागणपति आपको नमस्कार है। नैवेद्य के रूप में मोदक व ऋतु फल आदि अर्पित है। गणेश पूजन के दौरान धूप-दीप आदि से श्रीगणेश की आराधना करें। फल, फूल, रौली, मौली, अक्षत, पंचामृत आदि से श्रीगणेश को स्नान कराके विधिवत तरीके से पूजा करें।
गणेश जी को सिंदूर चढ़ाएं। सिंदूर चढ़ाते समय विशेष मंत्र को भी पढ़ें।
ॐ सिंदूरारूण देहाय, ज्येष्ठ राजाय मंगलम, विघ्नराति भयघ्नाय विश्वनाथाय मंगलम