Somvati Amavasya 2024 Ke upay : इस बार चैत्र माह की अमावस्या सोमवार को आ रही है इसलिए इसे सोमवती अमावस्या कहते हैं। सालों बाद ऐसी अमावस्या आ रही है जिस दिन कई दुर्लभ और उग्र योग संयोग बन रहे हैं। इसे उग्र दिन में बचकर रहने में ही भलाई है। इसलिए जानिए कि किस तरह आप इस दिन के खतरनाक संयोग से बच सकते हैं।
अमावस्या प्रारंभ : 08 अप्रैल 2024 तड़के 03 बजकर 21 मिनट से।
अमावस्या समाप्त : 08 अप्रैल 2023 रात्रि 11 बजकर 50 मिनट पर।
माता के भोग : इस दिन लक्ष्मीजी को मखाना, सिंघाड़ा, बताशे, ईख, हलुआ, खीर, अनार, पान, सफेद और पीले रंग के मिष्ठान्न, केसर-भात आदि अर्पित किए जाते हैं। पूजन के दौरान 16 प्रकार की गुजिया, पपड़ियां, अनर्सा, लड्डू भी चढ़ाएं जाते हैं। आह्वान में पुलहरा चढ़ाया जाता है। इसके बाद चावल, बादाम, पिस्ता, छुआरा, हल्दी, सुपारी, गेंहूं, नारियल अर्पित करते हैं। केवड़े के फूल और आम्रबेल का भोग अर्पित करते हैं।