पंचांग गणना के अनुसार 31 जनवरी को दोपहर में 2 बजकर 19 मिनट तक चतुर्दशी तिथि है। इसलिए दूसरे दिन भी अर्थात 1 फरवरी को भी अमावस्या रहेगी, जिसे मौनी और माघी अमावस्या ( Mauni and Maghi Amavasya) कहा गया है।
अमावस्या समाप्त: 1 फरवरी, मंगलवार, प्रातः11:16 मिनट तक।
सोमवती और मौनी अमावस्या के दिन स्नान और दान (Ganga Snan, Daan) दोनों का ही महत्व है।
- पीपल के वृक्ष का पूजन करें और उनकी 108 परिक्रमा करके पीले रंगा का धागा बांधें।
- गरीबों को अन्न, वस्त्र और धन का दान करें।
- इस दिन शनि मंत्र का पाठ करने से लाभ मिलेगा।
- माघी अमावस्या के दिन व्यक्ति को अपने सामर्थ्य के अनुसार दान तथा पुण्य अवश्य ही करने चाहिए।