* देवउठनी एकादशी से गुरु अस्त, नहीं होंगे मांगलिक कार्य...
विवाह के लिए अबूझ मुहूर्त माने जाने वाली देवउठनी एकादशी 31 अक्टूबर, मंगलवार को मनाई जाएगी, पर इस साल विवाह इस दिन नहीं होंगे। ऐसा इसलिए है कि इस साल देवउठनी एकादशी पर गुरु अस्त रहेगा इसलिए एकादशी के 18 दिन बाद 19 नवंबर से शहनाइयों की गूंज सुनाई देगी।
इस साल दीपावली से 11वें दिन यानी देवउठनी एकादशी अबूझ मुहूर्त के रूप में मान्य तो होगी लेकिन इस बार शादियां नहीं हो सकेंगी। गणनाओं के अनुसार गुरु अस्त होने से इस बार यह संयोग बन रहा है। इसके बाद सूर्य के वृश्चिक राशि में प्रवेश के साथ ही 19 नवंबर से शुभ मुहूर्त में शादियां शुरू होंगी। अगले साल भी यानी वर्ष 2018 में भी शादियां 19 नवंबर से ही शुरू हो रही हैं, जो 15 दिसंबर तक रहेंगी।
2 माह में 14 मुहूर्त श्रेष्ठ :
इस वर्ष शादियों के लिए नवंबर और दिसंबर को मिलाकर केवल 14 मुहूर्त श्रेष्ठ हैं। ज्योतिष के अनुसार शादियों में शुभ मुहूर्त का विशेष महत्व होता है। विवाह यदि शुभ योग में हो तो उसके परिणाम भी बेहतर और समृद्धिकारक होते हैं। विवाह जैसे शुभ कार्य केवल गुण मिलान से ही नहीं, वरन अच्छी तरह पत्रिका, ग्रह मिलान कर ही करना चाहिए तथा शुभ मुहूर्त से ही होने चाहिए।
15 दिसंबर से 3 फरवरी तक फिर लगेगा ब्रेक :
एकादशी के बाद 15 दिसंबर से 3 फरवरी 2018 तक शादियों पर फिर एक बार ब्रेक लगेगा। 15 दिसंबर से 3 फरवरी तक शुक्र तारा अस्त रहेगा। इस वजह से जनवरी महीने में कोई शादी-विवाह नहीं होंगे।
इन दिनों में गूंजेंगी शहनाइयां :
इसमें फरवरी माह में 4, 5, 7, 8, 9, 11, 18 और 19 तारीख को शादी का शुभ मुहूर्त है। इसके बाद मार्च में 3, 4 और 12 तारीख को, अप्रैल में 19, 20, 25 और 27 एवं मई में 2, 4, 6, 11, 12 और 13 तारीख को शादी का शुभ मुहूर्त है। इसके बाद जून में 18, 21, 23, 29 और 30, जुलाई में 5, 6, 7, 11, 15, 16, 18, 19, 20, 21 और 22 को शहनाइयां गूंजेंगी। इसके बाद 19 नवंबर 2018 से फिर शादियां शुरू होंगी।