सावन के महीने में सूर्य का राशि परिवर्तन महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे कर्क संक्रांति कहा जाता है। क्योंकि सूर्य इस दिन कर्क राशि में आएंगे। पंचांग के अनुसार कर्क संक्रांति को छह महीने के उत्तरायण काल का अंत माना जाता है। साथ ही इस दिन से दक्षिणायन की शुरुआत होती है, जो मकर संक्रांति तक चलती है। यह संक्रांति इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि सूर्य इस दिन से दक्षिणायन होंगे इसके बाद उत्तरायण प्रारंभ होता है।
16 जुलाई, कर्क संक्रांति का समय
कर्क संक्रांति का पुण्य काल: प्रात: 05:34 से प्रात: 11:03 तक